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कंपनियों व विशेषज्ञों का मानना है की इंटरनेट अग्ग्रेगेटर कंपनियों के "गिग वर्क" में "फ़्लेक्सिबिलिटी”, या अपनी मर्ज़ी के घंटे उपलब्ध होने के कारण, यह महिलाओं को ख़ास आकर्षित करेगा, और जो महिलायें पहले से घर का ज़्यादातर कार्यभार सम्भालती हों, वह भी इस से आमदनी कमाने के नए अवसर पाएँगी पुरुषों के मुताबिक आज भी महिलायें गिग वर्क में कम संख्या में हैं। जो महिलाएं "प्लाट्फ़ोर्म" या गिग वर्क में आ रही हैं, आज भी सब कार्य क्षेत्रों में बराबरी के बजाय, सफ़ाई, सलोन, ब्यूटी पार्लर आदि, कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित हैं।
"काम की ज़िंदगी" के तीसरी एपिसोड में अनुमेहा यादव ने पैंतीस वर्षीय सीमा सिंह से बातचीत की, जो एक अनुभवी ब्यूटिशन हैं जिन्होंने खुद सलोन का काम सीख कर, 8-10 साल सवंतंत्र काम कर के, अर्बन कम्पनी से एक पार्ट्नर की तरह जुड़ी।अर्बन कम्पनी आज भारत के सब से बड़े सर्विस प्लाट्फ़ोर्म में हैं। यह घर के काम की सुविधाएँ जैसे की सफ़ाई, बिजली का काम आदि, और घर आ कर सलोन जैसी सुविधा ग्राहकों को देती हैं।
October 2021 में सीमा और उनके साथ क़रीब सौ ब्यूटिशन व स्पा महिला वर्कर्स एक ऐतिहासिक सार्वजनिक प्रोटेस्ट का हिस्सा बनी। उन्होंने कम्पनी द्वारा 20 प्रतिषित से ज़्यादा कमीशन काटने का विरोध, महीने कुछ बुकिंग बिना किसी दंड के मना करने की आज़ादी, वह उनकी सुरक्षा वह स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा की माँग ले कर अर्बन कम्पनी के हरियाणा में गुरुग्राम ऑफिस पर धरना दिया। सीमा पूछती हैं की “पार्ट्नर" नाम के इस्तेमाल के बावजूद कमिशन, फ़ीस, और कमाई आदि के नियम जब जब कम्पनी बदलती है, तो "पार्ट्नर" से कोई सहमति क्यूँ नहीं लेती? महिला गिग वर्कर्स द्वारा एक प्लाट्फ़ोर्म कंपनी की नीतियों पर सवाल, वह इस स्तर पर खुला विरोध, भारत के किसी शहर में शायद पहली बार दर्ज किया गया।
22 अगस्त 2022 को एक प्रश्नावली का ईमेल पर जवाब देते हुए अर्बन कम्पनी प्रवक्ता मोमिता मजूमदार ने "सुनो इंडिया" को बताया की पहले के मुताबिक़ कयी नियम जैसे की कमिशन, पेनल्टी, बीमा आदि पर सुधार वह बदलाव किए जा चुके हैं और इस वह अलग विषयों पर निम्न ब्लॉग साझा किए:
कंपनी द्वारा 29 अगस्त 2022 भेजे गए स्वास्थ्य पर किए गए खर्च राशि के विवरण में पार्ट्नर्ज़ को प्रदान किए – जिस में उन्होंने लिखा है रुपये 20 करोड़ के ब्याज-मुक्त उधार, रुपये 2 करोड़ "कोविड बीमा", रुपये 41 लाख कोविड बीमारी के कारण काम से छुट्टी के एवज में, 32 लाख रुपये कोविड में पार्ट्नर्ज़ की मृत्यु के वियोग में सहायता, वह 13 लाख रुपये आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा में पार्ट्नर्ज़ पर खर्च किए।
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